ई-वेस्ट क्या है? इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट यानी ई-वेस्ट (e-waste) वह कचरा होता है, जो खराब हो चुके इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से उत्पन्न हो सकता है. समस्या ? जिस तरह से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग बड़ा है, उससे आज पूरे विश्व में यह ई-कचरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला अपशिष्ट है. अगर भारत की बात की जाए तो हर वर्ष लगभग 3.2 मिलियन टन ई-कचरा उत्पन्न होता है. यह ई-वेस्ट मानव के स्वास्थ्य और हमारे पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक होता है. राइट टू रिपेयर पोर्टल सरकार के द्वारा ई-वेस्ट को कम करने के लिए “राइट टू रिपेयर पोर्टल” की शुरुआत की गई है. इस पोर्टल में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जीवनकाल, रखरखाव, पुनः उपयोग, उन्नयन, और अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार करने की ऑप्शन होंगे, साथ ही इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, छोटी दुकानों और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, और यह थर्ड पार्टी मरम्मत को सक्षम बना कर “आत्मनिर्भर भारत” के माध्यम से रोजगार पैदा कर पाएगा. राइट टू रिपेयर पोर्टल में 4 क्षेत्र हैं- i. खेती के उपकरण ii. मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिकी iii. कंज्यूमर ड्यूरेबल iv. ऑटोमोबाइ...
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